नई बॉल, पुराना ड्रामा – गिल बोले, ये गेंद तो पहले ही खेली गई है

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

दूसरे दिन खेल की शुरुआत भारत के लिए जैसे किसी बॉलीवुड एक्शन सीन जैसी रही। जसप्रीत बुमराह ने जो रूट और बेन स्टोक्स को क्लीन बोल्ड कर अंग्रेजी बैटिंग लाइनअप की रीढ़ तोड़ दी। लगा कि इंडिया का पलड़ा भारी हो रहा है… लेकिन तभी एंट्री होती है असली ड्रामे की – नई गेंद विवाद।

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गेंद बदली, पर पुरानी निकल गई?

91वें ओवर में जब गेंद की शेप बिगड़ी, भारतीय टीम ने अंपायर से गेंद बदलने की मांग की। अंपायर ने मांग मानी, लेकिन जो “नई” गेंद दी गई, उसे देखकर टीम इंडिया के चेहरे ऐसे लटक गए जैसे शादी में बुफे में गोलगप्पे की जगह खीरा रख दिया हो।

सिराज का स्टंप माइक पर कहना – “ये 10 ओवर पुरानी बॉल है, सीरियसली?”
ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया।

शुभमन गिल हुए आगबबूला

गेंद बदले जाने की प्रक्रिया के दौरान गिल और सिराज अंपायर के बगल में खड़े थे। गिल ने खुद देखा कि अंपायर कौन-सी गेंद चुन रहे हैं, लेकिन जो गेंद मिली वो उन्हें रास नहीं आई।
गिल का गुस्सा साफ नजर आया – अंपायर से दूसरी गेंद की मांग करते दिखे। ड्रिंक ब्रेक में भी उन्होंने मामले को नहीं छोड़ा और बहस जारी रखी।

कौन तय करता है कौन-सी गेंद दी जाएगी?

नियम साफ हैं: जब गेंद बदलनी होती है, तो अंपायर एक बॉक्स में से उम्र और हालत के हिसाब से गेंद चुनते हैं – लेकिन कौन-सी दी जाएगी, इसका आखिरी फैसला अंपायर का होता है।

यहां सवाल ये उठ रहा है कि क्या सही में टीम इंडिया को एक ऐसी गेंद दी गई जो पुरानी थी और जो इंग्लिश बैट्समैन के लिए फायदेमंद हो सकती थी?

क्या हेडिंग्ले में भी हुआ था ऐसा कुछ?

जी हां! इस सीरीज में यह पहला मौका नहीं है। हेडिंग्ले टेस्ट में भी ऋषभ पंत और अंपायर के बीच गेंद की हालत को लेकर बहस हो चुकी है। अब लॉर्ड्स में फिर वही कहानी दोहराई गई।

क्रिकेट का रोमांच, विवादों के संग!

क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, इमोशन है – और जब विवाद हो, तो मज़ा दुगना हो जाता है। अब देखना ये होगा कि क्या आईसीसी इस बॉल गेट पर कोई एक्शन लेती है या नहीं।

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